The two-day International Interdisciplinary Seminar on “Dimensions of Indian Knowledge Systems: Theory and Trends” concluded on December 30. This seminar was organized by Sona Devi University, Ghatsila, at Dr. Jagannath Mishra College, Jasidih, in Deoghar district, with academic support from IGNOU Regional Center, Deoghar. The event was jointly hosted in collaboration with Dr. Jagannath Mishra College, Jasidih, Anuchintan Foundation, Khagaria, Bihar, and Shubha Devi Memorial Trust.
While inaugurating the seminar, the Chancellor of Sona Devi University, Shri Prabhakar Singh, stated that such seminars pave the way for the future of researchers. The Vice-Chancellor of Sona Devi University, Dr. J.P. Mishra, elaborated on the objectives of the seminar, emphasizing the importance of research quality and its significance. Former Professor of Lalit Narayan Mithila University, Darbhanga, Bihar, Dr. Sanjay Jha, as the keynote speaker, shed light on Mithila’s contribution to knowledge.
Dr. R.K. Shah, Research Director of Rajarshi Janak University, Janakpur Dham, Nepal, and former Professor of Salale University, Ethiopia (Africa), Dr. Manoj Kumar Mishra, also shared their valuable insights on Indian Knowledge Systems.
On the first day of the seminar, four books by Dr. Ishwar Chand, President of Anuchintan Foundation, Khagaria, were unveiled. During the technical session, various scholars presented their thoughts on Indian knowledge traditions and their dimensions. Dr. Saroj Kumar Mishra, Assistant Director of IGNOU Regional Center, Deoghar, welcomed and expressed gratitude to all the scholars present at the seminar.
On the second day of the seminar, 20 researchers from different locations presented their research papers during the first session. The keynote speaker for the second day, Dr. Ashokanand Jha, Vice President of Takshashila Vidyapeeth, Deoghar, discussed ways to further advance Indian knowledge traditions. Dr. Ramkrishna Chaudhary, Coordinator of IGNOU Study Center, extended the vote of thanks.
The seminar was successfully organized with the significant contributions of Shri Himanshu Dev, Director of Shubha Devi Memorial Trust.
भारतीय ज्ञान प्रणाली के आयाम : सिद्धांत एव्ं प्रवृत्ति विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय अंतर विषयक सेमिनार का समापन तीस दिसंबर को हुआ। इस सेमीनार का आयोजन देवघर जिले के ,जसीडीह के डॉ० जगन्नाथ मिश्रा महाविद्यालय में सोना देवी , विश्वविद्यालय, घाटशिला द्वारा किया गया। इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र, देवघर के, शैक्षणिक सहयोग से आयोजित इस अंतराष्ट्रीय सेमिनार में डाॅO जगन्नाथ मिश्रा महाविद्यालय, जसीडीह, अनुचिन्तन फाउण्डेशन, खगड़िया बिहार तथा शुभा देवी मेमोरियल ट्रस्ट की संयुक्त भागीदारी रही।
इस सेमिनार का उद्घाटन करते हुए सोना देवी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री प्रभाकर सिंह ने कहा कि यह सेमिनार शोधकर्त्ताओं के लिए भविष्य का रास्ता तय करती है ।सोना देवी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉO जे0 पी0 मिश्रा ने इस सेमिनार के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शोधकर्त्ता शोधकार्य की गुणवत्ता तथा इसकी सार्थकता पर ध्यान दे। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा ,बिहार के पूर्व प्रोफेसर डॉO संजय झा ने मुख्य वक़्ता के रूप में मिथिला के ज्ञान योगदान पर विस्तार में प्रकाश डाला।
राजर्षी जनक विश्वविद्यालय जनकपुर धाम , नेपाल के शोध निर्देशक डॉO आर के शाह तथा सलाले विश्वविद्यालय, इथोपिया ( अफ्रीका)के पूर्व प्रोफेसर डॉO मनोज कुमार मिश्रा ने भी भारतीय ज्ञान प्रणाली के सम्बंध में अपने महत्वपूर्ण विचार साझा किए।
इस सेमिनार के पहले दिन अनुचिंतन फाउंडेशन ,खगड़िया के , अध्यक्ष डॉO ईश्वर चंद की चार पुस्तकों का , विभोचन भी किया गया। तकनीकी सत्र में कई विद्वानों ने भारतीय ज्ञान परंपरा एव्ं उनके आयाम पर अपने विचार रखें। इग्नू ,क्षेत्रीय केंद्र ,देवघर के सहायक , निदेशक डॉO सरोज कुमार मिश्र ने सेमिनार में उपस्थित सभी विद्वानों का स्वागत किया
एव्ं आभार प्रकट किया।
अंतराष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन पहले सत्र में विभिन्न स्थानों से आये हुए बीस शोधकर्त्ताओं ने अपने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किये । सेमिनार के दूसरे दिन के मुख्य अतिथि डॉक्टर अशोकानंद झा ,उपाध्यक्ष ,तक्षशिला विद्यापीठ देवघर ने भारतीय ज्ञान के परंपरा को किस तरह आगे बढ़ाया जाए, इसकी चर्चा की।
इग्नू अध्ययन केंद्र के समन्वयक डॉO रामकृष्णा चौधरी ने धन्यबाद ज्ञापन किया। इस सेमीनार के सफल आयोजन में शुभा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के निदेशक श्री हिमांशु देव की महत्वपूर्ण भूमिका रही।